हेमंत आर्य। पिछले कुछ माह के दौरान बीमारी से जूझ रहे मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं 25 साल शाजापुर विधायक रहे श्री हुकुम सिंह कराड़ा सोमवार 14 अप्रैल को स्वस्थ्य होकर शाजापुर स्थित अपने निज निवास पर आए और पार्टीजनों सहित आम लोगों से मुलाकात की। बीमारी से उबरने के बाद कराड़ा की धमाकेदार वापसी पर पार्टीजनों ने गर्मजोशी के साथ अपने नेता का स्वागत किया। वहीं कराड़ा की बीमारी को लेकर तरह तरह की अफवाहें फैलाने वाले अति महत्वाकांक्षी नेताओं के मुंह पर भी ताला लग गया।
गौरतलब है कि शाजापुर के पूर्व विधायक एवं कैबिनेट मंत्री श्री कराड़ा लोकसभा चुनाव के कुछ समय बाद गंभीर बीमारी से घिर गए थे। उनकी बीमारी को लेकर पार्टी के ही कतिपय असंतुष्ट और अति महत्वाकांक्षी नेता आम लोगों एवं कार्यकर्ताओं में तरह-तरह की अफवाहें फैलाने लगे थे। किसी का कहना था कि अब बीमारी से कराड़ा का उबर पाना मुश्किल है तो कोई कह रहा था कि अब वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, लेकिन सोमवार 14 अप्रैल को कराड़ा पूर्ण स्वस्थ्य होकर कार्यकर्ताओं के बीच लौटे और तमाम चर्चाओं, अफवाहों पर विराम लगा दिया। कराड़ा को पुनः अपने बीच पाकर पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। पिछले करीब 7-8 माह से मायूस कार्यकर्ताओं के चेहरों पर मुस्कान थी और जबरदस्त जोश भी। लोकसभा चुनाव के बाद से ही जिला मुख्यालय शाजापुर में वेंटिलेटर पर पड़ी कांग्रेस में कराड़ा के स्वस्थ्य होकर लौटने से जान आ गई।
वहीं दूसरी ओर कराड़ा की बीमारी में अपना राजनीतिक भविष्य ढूंढने वाले कुछ कांग्रेस नेताओं के चेहरों पर निश्चित रूप से हवाईयां उड़ गई होंगी। विदित रहे कि कराड़ा की साफ सुथरी छवि और जमीनी जनाधार को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान पिछले 8 विधानसभा चुनावों से उन्हें टिकिट दे रहा है। इस कारण कई अति महत्वाकांक्षी नेताओं की राजनीतिक दाल शाजापुर विधानसभा में नहीं गल पा रही है। कराड़ा के बीमार होने के बाद ऐसे नेताओं की आंखों में चमक आ गई थी और उम्मीद की किरण जाग गई थी, लेकिन कराड़ा की धमाकेदार वापसी ने ‘जाको राखे साईयां मार सके न कोई’ की किंवदंती को एक बार फिर से चरितार्थ कर दिया। साथ ही अति महत्वाकांक्षी नेताओं के मंसूबों पर पानी भी फेर दिया।
कराड़ा के स्वस्थ्य होकर लौटने से एक बात तो साफ हो गई है कि 2028 के विधानसभा चुनाव में वे ही कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे, क्योंकि 2023 का चुनाव वे महज 28 वोटों से ही हारे या हराए गए हैं। कराड़ा की हार से पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही आम मतदाता भी निराश हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण कराड़ा की साफ सुथरी छवि और आम लोगों से सीधा जुड़ाव है। अपने कार्यकाल में कराड़ा ने शाजापुर विधानसभा में ट्रांसफर को कभी उद्योग नहीं बनने दिया और ना ही सरकारी योजनाओं एवं विधायक निधि में दलाली करने दी। साथ ही उन्होंने सरकारी दफ्तरों में बंदी प्रथा को भी कभी फलने फूलने नहीं दिया था। इसी कारण वे 25 सालों तक शाजापुर के विधायक और करीब 8 साल मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।
अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया
डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती 14 अप्रैल के अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री कराड़ा ने शाजापुर जिला चिकित्सालय पहुंचकर यहां स्थापित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद श्री कराड़ा ने माता राजराजेश्वरी मंदिर पहुंचकर माता रानी की विधिवत पूजा अर्चना भी की एवं समस्त शाजापुर विधानसभा क्षेत्र के परिवारजनों की सुख, शांति, समृद्धि, उन्नति एवं खुशहाली की मनोकामना मां से की।

Author: Hindusta Time News
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