जनादेश क्या सचमुच चोरी की चीज है ?

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राकेश अचल। ‘पानी में मीन पियासी रे, मोहे सुन-सुन आबे हांसी रे’ कबीर बाबा का ये दोहा मुझे आजकल के जनादेश पर लागू होता दिखाई देता है। क्योंकि भारत में जनादेश अब जनता के हाथ में नहीं बल्कि चोरों के हाथ में होता है। अब हमारी बिरादरी के एक पत्रकार और कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कुमार केतकर के दावे पर यकीन किया जाए तो 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की साजिश अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और इजरायल की एजेंसी मोसाद ने रची थी।
उनका दावा है कि इन विदेशी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने ठान लिया था कि केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई में स्थिर सरकार नहीं बनने देंगे, इसलिए मेंडेड लोगों का नहीं था।’ अर्थात चोरी का था। संविधान दिवस पर कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस नेता केतकर ने कहा कि ‘पार्टी ने 2004 के लोकसभा चुनावों में 145 सीटें जीतीं और पांच साल बाद के आम चुनावों में 206 सीटें हासिल की। अगर यह ट्रेंड आगे भी जारी रहता तो कांग्रेस 250 सीटें जीत सकती थी और आसानी से सत्ता में बनी रह सकती थी, लेकिन 2014 में पार्टी की ओर से जीती गई सीटें घटकर 44 हो गईं। ‘यकीनन ये सब होते हमने भी देखा और आपने भी और पूरी दुनिया ने भी। अपनी दलील को सही ठहराते हुए केतकर ने दावा किया कि ‘एक संगठन सीआईए थी और दूसरा इजरायल का मोसाद था’।
उनका तर्क है कि दोनों ही एजेंसियों को लगा कि अगर कांग्रेस की स्थिर या कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार सत्ता में वापस आ गई तो भारत में दखल नहीं दे सकेंगे या अपने हिसाब से नीतियां लागू नहीं करा सकेंगी। बाकौल केतकर मोसाद ने भारतीय राज्यों और चुनाव क्षेत्रों का एक विस्तृत डेटा जुटा लिया था और सीआईए और मोसाद ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए मतादाताओं के विशाल डेटाबेस तैयार कर रखे थे। केतकर ने कहा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति कुछ नाराजगी थी, लेकिन सिर्फ इसके चलते कांग्रेस 206 से 44 पर नहीं आ सकती थी। उनके अनुसार ‘यह लोगों का मेंडेड नहीं था’।
कुमार केतकर कोई 80 साल के हैं और देश के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र समूह से जुडे रहे हैं। हमने भी इस समूह में काम किया है इसलिए हमें केतकर साहब के इस दावे पर संदेह नहीं है, लेकिन हैरानी है कि वे इस रहस्य को अपने सीने में दबाए क्यों रहे ? आज केतकर के दावे पर शायद ही कोई यकीन करे, लेकिन जो आंकडे हमारे सामने हैं वे केतकर के दावे का समर्थन कर रहे हैं। हाल के वर्षों में जिस तरह से विधानसभा चुनावों में जनादेश का अपहरण किया गया है उसे देखकर लगता है कि 2014 में लोगों ने अच्छे दिन आने के वादे पर ही वोट नहीं दिए थे, बल्कि मोदी जी के लिए वोट जुगाड किए गए थे।
केतकर के दावे पर आपको यकीन हो या न हो, लेकिन आपको सत्तारूढ दल के प्रवक्ता संबित पात्रा के रहस्योदघाटन पर भी गौर फरमाना चाहिए। डॉ. पात्रा ने दावा किया कि बीजेपी और आरएसएस को नीचा दिखाने और राहुल गांधी को बढ़ावा देने के लिए उनके विदेशों में स्थित अकाउंट काम कर रहे हैं। पात्रा ने कहा कि खुद राहुल गांधी विदेशों में जाकर देश के खिलाफ बयान देते हैं। संबित पात्रा ने कहा कि सिंगापुर में लोग राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए काम कर रहे हैं। वे न तो मतदाता हैं और न ही भारतीय। उनका अकाउंट भी फर्जी हैं। पश्चिम एशिया, सिंगापुर, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें विदेशों से महानता का प्रमाण पत्र मिल रहा है। हमारे देश का नैरेटिव विदेशी धरती से सेट किए जा रहे हैं। यानि यदि पात्रा के आरोप में दम है तो कुमार केतकर के दावे में भी दम है।
किसी भी देश में किसी भी स्तर पर जनादेश की चोरी जघन्य अपराध है, लेकिन कानून ने इसे असंज्ञेय नहीं माना है। इसीलिए तो जनादेश की चोरी लगातार हो रही है। जनादेश हड़पने के लिए एसआईआर का इस्तेमाल हो रहा है। धर्म ध्वजाएं फहराई जा रहीं हैं। ऐसे खतरनाक माहौल में ये जनता की जिम्मेदारी है कि वो अपने वोट की रक्षा आप खुद करें।
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)

“श्री राकेश अचल जी मध्यप्रदेश के ऐसे स्वतंत्र लेखक हैं जिन्होंने 4 दशक (40 साल) तक अखबारों और टीवी चैनलों के लिए निरंतर काम किया। देश के प्रमुख हिंदी अखबार जनसत्ता, दैनिक भास्कर, नईदुनिया के अलावा एक दर्जन अन्य अखबारों में रिपोर्टर से लेकर संपादक की हैसियत से काम किया। आज तक जैसे टीवी चैनल से डेढ़ दशक (15 सालों) तक जुड़े रहे। आकाशवाणी, दूरदर्शन के लिए नियमित लेखन किया और पिछले 15 सालों से स्वतंत्र पत्रकारिता तथा लेखन कर रहे है। दुनिया के डेढ़ दर्जन से अधिक देशों की यात्रा कर चुके अचल ने यात्रा वृत्तांत, रिपोर्टज, गजल और कविता संग्रहों के अलावा उपन्यास विद्या पर अनेक पुस्तकें लिखी हैं। उन्हें अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं”।
Hindusta Time News
Author: Hindusta Time News

27 Years Experience Of Journlism

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